जनसहयोग से ही जंगलों को बचाना संभव-उसेण्डी



1 टिप्पणी:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

मंत्री जी की अच्छी कोशिश...बधाई के पात्र है..
सुंदर आलेख ....

मेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....

जहर इन्हीं का बोया है, प्रेम-भाव परिपाटी में
घोल दिया बारूद इन्होने, हँसते गाते माटी में,
मस्ती में बौराये नेता, चमचे लगे दलाली में
रख छूरी जनता के,अफसर मस्त है लाली में,

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